नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी सहित 29 नोबेल विजेताओं ने एक साझा बयान में इजरायल-हमास के बीच जारी जंग में पिस रहे निर्दोष मासूमों के प्रति संवेदनशीलता दिखाने और जनसंहार के इस माहौल में उनकी देखभाल एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सहानुभूतिपूर्ण कदमों एवं कार्रवाइयों का आग्रह किया है. कैलाश सत्यार्थी की पहल पर 29 नोबेल विजेताओं ने अपने बयान में दुनिया को याद दिलाया कि इजरायल और गाजा के बच्चे भी ‘हमारे बच्चे’ हैं और उन्हें तत्काल सुरक्षा एवं मानवीय सहायता की आवश्यकता है. नोबेल पुरस्कार की सभी छह श्रेणियों के इन पुरस्कार विजेताओं ने मांग की कि सभी अपहृत बच्चों को तत्काल रिहा किया जाना चाहिए और बच्चों को युद्धस्थल से दूर किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाना चाहिए. बच्चों को पानी, भोजन, स्वास्थ्य देखभाल और आश्रय से वंचित नहीं किया जा सकता. उन्हें और दूसरे जरूरतमंद व्यक्तियों को तत्काल मानवीय सहायता पहुंचाई जानी चाहिए. संभवत: दुनिया में यह पहली बार हुआ है जब इतने नोबेल विजेताओं ने एक साथ मिल कर जंग के शिकार बच्चों की सुरक्षा और उनकी मदद के लिए आवाज उठाई है.
नोबेल विजेताओं ने बयान में संयुक्त रूप से कहा, ‘करुणा सिर्फ एक समूह के बच्चों के लिए ही सीमित नहीं रहनी चाहिए. केवल एक समूह के बच्चों की मौत पर अफसोस जताया जा रहा है, विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और नेतागण उस पर बातें कर रहे हैं. लेकिन हमारे दिलों में निश्चित रूप से दोनों ही पक्ष के बच्चों के लिए एक जैसी पीड़ा है. गाजा पट्टी में रहने वाले दस लाख बच्चों और इजरायल में रहने वाले तीस लाख बच्चों के जीवन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और उनकी हिफाजत की जानी चाहिए.’
‘युद्धों में बच्चों की रत्ती भर भूमिका नहीं है’
आने वाले हफ्तों में जान-माल के और भी गंभीर नुकसान के आसन्न खतरे के बारे में दुनिया को चेतावनी देते हुए बाल अधिकार योद्धा कैलाश सत्यार्थी ने कहा, ‘हम सभी से यह याद रखने का अनुरोध करते हैं कि इन युद्धों में बच्चों की रत्ती भर भूमिका नहीं है और वे कहीं से भी मौजूदा हालात के लिए जिम्मेदार नहीं हैं. न्यायसंगत और स्थायी शांति की दिशा में बढ़ने के लिए हमें सभी पीड़ित बच्चों के प्रति करुणा की आवश्यकता है. जैसा कि महात्मा गांधी ने कहा था, ‘शांति का कोई रास्ता नहीं होता, शांति ही रास्ता है.’
‘बच्चे किसी युद्ध का कारण नहीं होते’
नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने सभी से इजरायल, फिलिस्तीन और उससे आगे पूरी दुनिया में स्थायी शांति के लिए उनकी अपील में शामिल होने और तीन मोमबत्तियां जलाने का आग्रह किया. बयान में कहा गया, ‘आज रात इस घटाटोप अंधेरे के बीच हम तीन मोमबत्तियां जलाएंगे- एक इजरायल में मारे गए और अपहृत बच्चों के लिए, एक गाजा में बमबारी और लड़ाई में मारे गए और अपंग हुए सभी बच्चों के लिए, और एक मानवता और आशा व उम्मीद के लिए. उन्होंने कहा, ‘फ़िलिस्तीनी बच्चे हमारे बच्चे हैं. इजरायली बच्चे हमारे बच्चे हैं. यदि हमने बच्चों को युद्ध की बलि चढ़ने दी, तो हम खुद को सभ्य नहीं मान सकते. हमारी प्रत्येक व्यक्ति से अपील है कि वह यह न भूले कि बच्चे किसी युद्ध का कारण नहीं होते. और इन परिस्थितियों के लिए वे रत्तीभर भी जिम्मेवार नहीं हैं.’