भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi ) और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) की राह पर चल पड़े हैं. शक्तिकांत दास ने कहा है कि वे खुद को ‘माननीय गवर्नर’ की जगह सिर्फ गवर्नर कहलाना पसंद करते हैं. गौरतलब है कि कल यानी सात दिसंबर को हुई बीजेपी संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने बीजेपी नेताओं से उन्हें ‘मोदी जी’ की जगह केवल मोदी कहकर संबोधित करने का आग्रह किया था क्योंकि जनता इसी नाम से उन्हें कनेक्ट करती है. चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ भी कह चुके हैं कि उन्हें योर लॉर्डशिप (Your Lordship) कहलाने की जगह ‘सर’ कहलाना हैं.
शुक्रवार (8 दिसंबर) को मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि माननीय गवर्नर (Honourable Governor) की जगह उन्हें गवर्नर (Governor) कहलाना ज्यादा पसंद है. मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, दास ने कहा, “मुझे लगता है कि भविष्य में सिर्फ गवर्नर पुकारना माननीय गवर्नर कहने से बेहतर होगा.” आरबीआई प्रमुख को संबोधित करते वक्त गवर्नर या ऑनेरबल गवर्नर शब्द का इस्तेमाल किया जाता है.
घोषित हो चुके हैं दुनिया के शीर्ष बैंकर
शक्तिकांत दास की पहचान, एक गंभीर और कड़े फैसले लेने वाले प्रशासक के तौर पर होती है. उनके कंधों पर पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. बहुत से लोगों का मानना है कि उन्होंने अपनी इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया भी है. अमेरिकी पत्रिका ग्लोबल फाइनेंस ने सितंबर 2023 में शक्तिकांत दास को दुनिया का शीर्ष बैंकर घोषित किया था. ग्लोबल फाइनेंस सेंट्रल बैंकर रिपोर्ट कार्ड में इन्हें A+ ग्रेड दिया गया था.
गौरतलब है कि शक्तिकांत दास मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक में लिए गए निर्णयों को समझाने या फिर देश की आर्थिक स्थिति को स्पष्ट करने के लिए आमतौर पर महापुरुषों के उद्धरणों का सहारा प्राय: लेते हैं. वे महात्मा गांधी, लता मंगेशकर, मार्टिन लूथर किंग और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जैसे दिग्गजों को उद्धृत करते रहते हैं. उनके द्वारा किए गए कमेंट्स खूब चर्चित होते हैं.