केंद्र सरकार गरीब, मजदूर और किसानों के कल्याण के लिए समय-समय पर कई योजनाएं लेकर आती है ताकि उन्हें लाभ पहुंचाया जा सके. इसी कड़ी में केंद्र सरकार प्रवासी श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए देश भर में सभी भवन तथा निर्माण मजदूरों के लिए एक विशिष्ट पहचान पत्र को अनिवार्य बनाएगी. यह पहचान-पत्र श्रमिक के आधार से जुड़ा होगा और ई-श्रम डेटाबेस में भी इसे संबद्ध किया जाएगा. श्रम सचिव आरती आहूजा ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इन सुधारों पर अगले सप्ताह विस्तृत जानकारी जारी की जा सकती है.
उन्होंने यहां अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के सहयोग से अखिल भारतीय नियोक्ता संगठन (AII) और उद्योग मंडल फिक्की द्वारा आयोजित ‘द माइग्रेशन कॉन्क्लेव’ को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की.
मजदूरों के हितों की चिंता
आहूजा ने ठेकेदारों द्वारा अपंजीकृत मजदूरों से काम कराने के मामले बढ़ने से पैदा हो रही चुनौतियों से निपटने के तरीके पर बात की. उन्होंने कहा कि चार श्रम संहिताओं के लिए ठेकेदारों को अंतरराज्यीय प्रवासी कामगार अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप इन श्रमिकों को व्यापक लाभ प्रदान करना होगा. इनमें न्यूनतम मजदूरी, व्यावसायिक सुरक्षा तथा शौचालय व कार्यस्थल पर ‘क्रेच’ जैसी बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच शामिल है.