भारतीयों में शेयर बाजार में पैसा लगाने का चलन पिछले कुछ वर्षों में बढ़ा है. दूसरे निवेश विकल्पों की तुलना में स्टॉक मार्केट का रिटर्न बेहतर रहने से लोग इसकी ओर खिंचे चले आ रहे हैं. लेकिन, ऐसा भी नहीं है कि हर आदमी यहां से पैसा बना रहा है. बहुत से लोग यहां अपनी खून-पसीने की कमाई डूबो भी रहे हैं. रिटेल निवेशक आमतौर कुछ गलतियां करते हैं. यही मिस्टेक्स शेयर बाजार में उनके पैसे के लिए काल साबित होती हैं.
दिग्गज अमेरिकी निवेशक बेंजामिन ग्राहम ने कहा था कि किसी भी इनवेस्टर का सबसे बड़ा दुश्मन खुद का व्यक्तित्व हो सकता है. बेंजामिन मानते थे कि इंसान बहुत भावुक जीव है. उसके फैसला हमेशा तार्किक नहीं होते हैं. बल्कि कई सारे पूर्वाग्रहों के वशीभूत वे लिए जाते हैं. शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले निवेशक पूर्वाग्रहों से बाहर नहीं आ पाते और गलतियां कर बैठते हैं.
अति आत्मविश्वास
बिग बुल राकेश झुनझुनवाला ने एक बार कहा था कि बाजार राजा है. इस पर कोई राज नहीं कर सकता. लेकिन, बहुत से निवेशकों को यह भ्रम हो जाता है कि उन्होंने बाजार की चाल को पकड़ लिया है. खासतौर से बुल रैली के दौरान वे अति आत्मविश्वासी हो जाती हैं. यही ओवरकॉन्फिडेंस उनको ले डूबता है.
झुंड को फॉलो करना
बहुत सारे लोग एक स्टॉक के पीछे पड़े हैं तो यह सोचकर बहुत से निवेशक भी उसमें पैसा लगा देते हैं कि जरूर इसमें मुनाफा होगा. झुंड को फॉलो करने का नुकसान यह है कि इससे बाजार में एक बुलबुला बन जाता है और जब यह बुलबुला फटता है तो आपकी जेब खाली कर देता है.