जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 के साथ-साथ जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 को लोकसभा ने बुधवार को पास कर दिया है. इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिल पर बहस के दौरान कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर भी टिप्पणी की और कहा कि ‘जम्मू-कश्मीर को प्रधानमंत्री नेहरू द्वारा की गई दो भूलों के कारण नुकसान उठाना पड़ा है – पहला, युद्धविराम की घोषणा करना, और फिर कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले जाना… अगर जवाहरलाल नेहरू ने सही कदम उठाया होता, तो पाकिस्तान के कब्जे में कश्मीर अब भारत का हिस्सा होता. यह एक ऐतिहासिक भूल थी.’
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अगर वोट-बैंक की राजनीति पर विचार नहीं किया होता और आतंकवाद से शुरुआत में ही निपट लेते, तो कश्मीरी पंडितों को घाटी नहीं छोड़नी पड़ती. उन्होंने कहा कि अब ये दोनों विधेयक उन लोगों को न्याय दिलाएंगे जो पिछले 70 वर्षों से अपने अधिकारों से वंचित हैं. ये विधेयक उन लोगों को विधानसभा में प्रतिनिधित्व देंगे जिन्हें कश्मीर छोड़ना पड़ा था. उन्होंने 1947 में कश्मीर पर पाकिस्तान के हमले का भी जिक्र किया. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 1990 के दशक में आतंकवाद फैला और इन सभी घटनाओं के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है.
पीओके में, 24 सीटें आरक्षित की गई हैं क्योंकि पीओके हमारा है…
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा ‘जम्मू और कश्मीर पर दो विधेयकों में से एक में एक महिला सहित दो कश्मीरी प्रवासी समुदाय के सदस्यों को विधानसभा में नामांकित करने का प्रावधान है… पहले जम्मू में 37 सीटें थीं, अब 43 हैं. पहले कश्मीर में 46 थीं, अब 47 हैं और पीओके में, 24 सीटें आरक्षित की गई हैं क्योंकि पीओके हमारा है… दो सीटें कश्मीरी प्रवासी समुदाय के सदस्यों के लिए आरक्षित होंगी, और एक सीट पीओके से विस्थापित लोगों के लिए आरक्षित होगी. पहली बार, नौ सीटें एससी/एसटी समुदायों के लिए आरक्षित होंगी.’