राज्यपाल रमेन डेका ने स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय दुर्ग अंतर्गत गठित ग्रामीण प्रौद्योगिक और उद्यमिता फाउंडेशन के तहत किये जा रहे स्टार्टअप्स का प्रस्तुतीकरण देखा। उन्होंने सभी स्टार्टअप्स की सराहना करते हुए इसे आम व्यक्ति के लिए सरल व सुलभ बनाने पर बल दिया।
राज्यपाल डेका ने सभी उद्यमियों द्वारा प्रस्तुत विभिन्न योजनाओं को प्रोत्साहित किया और कहा कि स्टार्टअप्स के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार से जोड़ सके ऐसी योजनाएं बनाई जायंे। इस संबंध में उन्होंने उद्यमियांे का मार्गदर्शन किया और उपयोगी सुझाव दिये।
राजभवन के कांफ्रेंस हॉल में आज उद्यमियों ने 6 स्टार्टअप्स योजनाओं का प्रस्तुतीकरण किया। विनिता पटेल ने ग्रामीण महिलाओं विशेषकर आदिवासी समुदाय की महिलाओं को ध्यान में रखते हुए पुनः उपयोग में आ सकने वाले सेनेटरी पैड निर्माण की योजना बताई। अपशिष्ट से कपड़ा, कप-प्लेट, ईट आदि उत्पादन की योजना बताई। राहुल बघेल ने सौर ऊर्जा के उपयोग से आत्मनिर्भर गांव एवं विभिन्न कुटीर उद्योगांे पर प्रस्तुतीकरण दिया। उद्यमी रविन्द्रकुमार धुरंधर ने कुपोषण से पीड़ित लोगांे के लिए इंस्टेट फूड उत्पाद की योजना पर अपना प्रस्तुतीकरण दिया। अंकेश बंजारे ने आदिवासी कलाकारों को डिजिटल प्लेटफॉर्म और वैश्विक बाजार उपलब्ध कराने की योजना बताई तथा पुरूषोतम, अजय कुमार, सिद्धार्थ सिंह ने उच्च क्षमता वाले ड्रोन के माध्यम से कृषि फसलो की निगरानी की योजना के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया।
इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष सहकार भारती (छ.ग.) डॉ.द्विवेदी ग्रामीण प्रौद्योगिकी और उद्यमिता फाउंडेशन के संचालक डॉ. आर. एन. पटेल, सीईओ अग्रांशु द्विवेदी तथा उद्यमी उपस्थित थे।