मध्यप्रदेश गो-संवर्धन बोर्ड की कार्यपरिषद की बैठक भोपाल में हुई। बैठक में प्रदेश की गोशालाओं में संरक्षित गोंवश के भरण पोषण की द्वितीय त्रेमास की राशि रूपये 52 करोड़ जिला समितियों को जारी की गई है। जबलपुर, मदसौर और रायसेन जिलों से गोवंश वन्य विहार प्रारम्भिक आवश्यक निर्माण कार्य के लिये राशि जारी की गई है। प्रायः देखने में आता है की हारवेस्टर के उपयोगों से खेतों में कटाई के पश्चात शेष नरवाई जला दी जाती है। जिससे पर्यावरण को नुकसान एवं भूमि की उर्वरकता में कमी आती है तथा गोवंश को चारा भूसा भी काफी मंहगी दरो पर उपलब्ध हो पाता है। उक्त समस्या को दृष्टिगत रखते हुए कृषि अभियांत्रिकी विभाग एवं गौसंवर्धन बोर्ड की सहभागिता से गौशालाओं की मांग एवं संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार 62 गोशालाओं को भूसा निर्माण के लिए स्ट्रॉरीपर क्रय के लिये आर्थिक सहायता दी गई। जिससे गोशालाएं खेतो में नरवाई से भूसा तैयार कर सके। केन्द्र सरकार की गोबरधन योजना के माध्यम से एकीकृत गोबर गैस संयंत्र निर्माण के लिये चयनित 07 गोशालाओं में गोबर गैस प्लांट की स्थापना की जा रही है। जिसमें से 3 गोशालाएं क्रमश उप जेल ग्राम राजोदा जिला देवास, रामसुनाम गोवंश सेवाधाम जिला सतना एवं जरा धाम गो अभयारण्य जिला दमोह में निर्मित ‘संयंत्र सफलता पूर्वक कार्य कर रहे है। गोबर गैस संयंत्र से प्राप्त बायोगैस का उपयोग गैस ईंधन के रूप में स्थानीय रसोई में तथा शेष ऊर्जा का उपयोग बिजली उत्पादन के लिये किया जा रहा है।
बैठक में बोर्ड की कार्यपरिषद के अध्यक्ष स्वामी श्री अखिलेश्वरानंद गिरि प्रबंध संचालक एवं संचालक पशुपालन डॉ आर के मेहिया, मध्यप्रदेश राज्य कुक्कुट विकास निगम के प्रबंध संचालक डॉ. एच. बी. एस. भदौरिया, ग्रामीण विकास विभाग के ज्वाईट कमीश्नर श्री एम एल त्यागी उपस्थित थे।