दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर (RRTS Corridor) का निर्माण कार्य तेजी से जारी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही साहिबाबाद से दुहाई डिपो स्टेशनों को जोड़ने वाली ट्रेन को हरी झंडी दिखा चुके है. अब इसे लेकर राज्यसभा में मंत्री ने जानकारी दी है. आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री कौशल किशोर द्वारा राज्यसभा को जानकारी देते हुए बताया गया कि इस साल 31 अक्टूबर तक लगभग 18,160 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. बता दें कि साहिबाबाद से दुहाई तक लगभग 33 किलोमीटर तक का ट्रैक ऑपरेशनल हो चुका है. ऐसे में यदि आंकड़ों को देखा जाए तो तो एक किलोमीटर ट्रैक बिछाने पर तकरीबन 550 करोड़ रुपये की लागत आई है. वहीं, इस परियोजना पर अब तक 67.3 प्रतिशत प्रगति हुई है.
राज्य मंत्री कौशल किशोर ने जानकारी में बताया कि दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर को 30,274 करोड़ रुपये की लागत के साथ मंजूरी दी गई थी. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) भारत की पहली सेमी-हाई-स्पीड क्षेत्रीय रेल सेवा परियोजना को कार्यान्वित कर रहा है.
ट्रेन का नाम बदलकर किया नमो भारत
वहीं, इससे पहले अक्टूबर में रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम ट्रेन का नाम बदलकर नमो भारत कर दिया गया था. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साहिबाबाद से दुहाई डिपो स्टेशन तक के 17 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर के प्राथमिकता वाले खंड का उद्घाटन कर चुके है. मंत्री ने बताया कि एनसीआरटीसी ने सूचित किया है कि 31 अक्टूबर 2023 तक परियोजना पर 18,160.81 करोड़ रुपये का खर्च आया है. उन्होंने कहा कि जून 2025 तक इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य है.
कार्य का 67.3 प्रतिशत कार्य पूरा
कौशल किशोर ने बताया कि 31 अक्टूबर 2023 तक दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर के निर्माण में 67.3 प्रतिशत प्रगति हासिल हुई है. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 20 अक्टूबर को साहिबाबाद और दुहाई डिपो स्टेशनों को जोड़ने वाली ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी. इस कॉरिडोर पर ट्रेनें 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं. साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच प्राथमिकता वाले खंड में पांच स्टेशन – साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो हैं. कॉरिडोर का निर्माण पूरा हो जाने पर दिल्ली और मेरठ के बीच यात्रा का समय एक घंटे से भी कम हो जाएगा.