उत्तर प्रदेश सरकार ने जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक मेट्रो रेल की कनेक्टिविटी बनाने के लिए एक बड़ी परियोजना को मंजूरी दी है. इसके तहत गाजियाबाद से जेवर एयरपोर्ट तक करीब 72 किलोमीटर लंबा रैपिड रेल गलियारा बनाया जाना है. जेवर हवाई अड्डे तक पहुंचने के लिए मेट्रो रेल गाजियाबाद से ग्रेटर नोएडा वेस्ट और परी चौक से होकर गुजरेगी. यूपी के मुख्य सचिव डी.एस.मिश्रा की अध्यक्षता में हाल ही में हुई एक बैठक में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) की व्यवहार्यता रिपोर्ट को मंजूरी दी गई. इसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने के भी निर्देश दिए गए. अनुमान है कि 2031 तक इस रूट पर रैपिड रेल चालू हो जाएगी.
इस परियोजना में लगभग 16,000 करोड़ रुपये की लागत से 72.26 किमी की कुल लंबाई को कवर करते हुए एक रैपिड रेल गलियारा बनाया जाना है. जेवर में भारत के सबसे बड़े हवाई अड्डे के निर्माण का काम चल रहा है. इसका पहला चरण 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है, जिसमें यात्री सेवाएं अक्टूबर 2024 में शुरू होंगी. अब हवाई अड्डे तक यात्रियों की आवाजाही के लिए कनेक्टिविटी परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है. नई मेट्रो सुविधा गाजियाबाद से शुरू होगी और ग्रेटर नोएडा वेस्ट और ग्रेटर नोएडा ईस्ट से होते हुए परी चौक पर एक्वा लाइन मेट्रो से जुड़ेगी. सूरजपुर कासना रोड, कासना, इकोटेक सिक्स, दनकौर होते हुए आगे बढ़ते हुए यह मार्ग यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में एक्सप्रेसवे के समानांतर चलती हुई मेट्रो नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक पहुंचेगी.
रूट पर स्टेशन
प्रस्तावित स्टेशनों में गाजियाबाद, दक्षिण गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा वेस्टका सेक्टर चार, सेक्टर दो, नॉलेज पार्क पांच, सूरजपुर, परी चौक, इकोटेक छह, दनकौर और यमुना प्राधिकरण के सेक्टर 18, 20, 21 शामिल हैं, जो नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर समाप्त होंगे. यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के इकोटेक छह और सेक्टर 21 में डिपो के प्रस्ताव हैं. हालांकि, फाइनल डीपीआर में स्टेशनों की संख्या में बदलाव हो सकता है. इस रूट का निर्माण दो चरणों में प्रस्तावित किया गया है. पहला चरण गाजियाबाद से इकोटेक सिक्स तक, 37.15 किमी लंबा होगा और इसके 2030 तक पूरा होने की उम्मीद है. इसके निर्माण की अनुमानित लागत 9798.1 करोड़ रुपये है. जबकि दूसरा चरण इकोटेक सिक्स से नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक करीब 35.11 किमी लंबा होगा, जिसकी अनुमानित लागत 6391 करोड़ रुपये होगी.