विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान मोदी की गारंटी वाली डिजीटल गाड़ी रायगढ़ जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों में प्रतिदिन पहुंच रही है। जहां केन्द्र शासन की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के उद्देश्य से शिविर का आयोजन किया जा रहा है। शिविर में विभागीय स्टॉल भी लगाये जा रहे है और उन योजनाओं से लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है। शासकीय योजनाओं का लाभ लेने बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे है। जिले में अब तक 479 शिविर का आयोजन किया जा चुका है, जिसमें 7 लाख 1 हजार 543 लोग इस शिविर में हिस्सा बन चुके है। जिसमें पुरूषों के अपेक्षा लगभग 4 लाख महिलाओं ने अपनी भूमिका निभायी है।
3 लाख से ऊपर लोगों ने कराया स्वास्थ्य जांच
विकसित भारत संकल्प यात्रा अंतर्गत जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के साथ ही नि:शुल्क स्वास्थ्य केंद्र लगाकर ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच भी की जाती है। इसके अलावा उन्हें गाँव में मुख्यत: होने वाली बीमारियों के बारे में जानकारी देते हुए उनसे बचने की सलाह और नि:शुल्क दवाइयां भी वितरित की जा रही हैं। शिविर के आयोजन से ग्रामीणों में अपने स्वास्थ्य की चिंता और स्वस्थ रहने की ललक दिखाई देने लगी है। अब तक हुए शिविर में 3 लाख 76 हजार 31 लोगों ने अपना हेल्थ चेकअप करवा चुके है।
46 हजार से ऊपर लाभार्थियों ने साझा किए अनुभव
विकसित भारत संकल्प यात्रा शिविर में उक्त ग्राम के ऐसे सभी लाभार्थी शामिल हो रहे है। जिन्हें केन्द्र सरकार की योजनाओं का लाभ मिला है। वे सभी लाभार्थी मेरी कहानी-मेरी जुबानी के माध्यम से अपना अनुभव साझा करते हुए अन्य लोगों को योजनाओं का लाभ लेने हेतु प्रेरित कर रहे है।
ड्रोन डेमोन्स्ट्रेशन का किया जा रहा प्रदर्शन
विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान भारत सरकार के माध्यम से स्थानीय किसानों को आधुनिक और उन्नत तकनीक के साथ जोडऩे का संकेत दिया जा रहा है। ड्रोन डेमोन्स्ट्रेशन में गाँव के किसानों को यह बताया गया कि कृषि ड्रोन किस प्रकार से खेती के कई कार्यों में सहायक हो सकता है। इस दौरान ड्रोन द्वारा खेत में पेस्टिसाइड छिड़काव करने का प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के दौरान किसानों ने अपने सवाल भी पूछे जिस पर ड्रोन ऑपरेटर ने बताया कि ड्रोन के उपयोग से न केवल काम की गति में तेजी आएगी वहीं किसानों का समय भी बचेगा। जहां मानवीय तरीके से एक एकड़ में दवाई डालने में पूरा दिन लग जाता है वहीं ड्रोन की मदद से यह कार्य मात्र 15 मिनट में पूरा किया जा सकता है। इस डेमो के बाद गाँव के किसानों ने नए और विशेषज्ञता वाले तकनीकी साधनों के प्रति अपनी रुचि बढ़ाने का निर्णय लिया है, जिससे वह अपने कृषि उत्पादन में वृद्वि करने में सक्षम होंगे।