मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि शिक्षा से ही परिवार समाज और उन्नत और समृद्ध राष्ट्र की नींव रखी जा सकती है। यह कार्य हमारे शिक्षक करते हैं इसलिए उन्हें गुरू का दर्जा दिया गया है। हम सबको मिलकर शिक्षा के स्तर को उन्नत करना है। मुख्यमंत्री श्री साय आज शाम राजधानी रायपुर के राष्ट्रीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल में अनुदान प्राप्त अशासकीय स्कूलों के शिक्षक एवं कर्मचारी के सम्मेलन-सह-सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी देश की भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए नई शिक्षा नीति लाए है। र्नइं शिक्षा नीति से बच्चों के स्वर्णिम भविष्य के साथ ही शिक्षकों को उनका अधिकार और सम्मान मिलेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री के संयुक्त राष्ट्र के सभा में दिए गए भाषण का उल्लेख करते हुए कहा कि मोदी जी ने भाषण में अपने देश के लिए कुछ नहीं मांगा, बल्कि उन्होंने सभी देशों को योग को नियमित जीवन में अपनाने की अपील कर भारत का विश्व गुरू बनने की दिशा में एक पहल की है। उन्होंने कहा कि वे अशासकीय स्कूलो की समस्याओं से अवगत हैं, उन्होंने स्वयं अनुदान प्राप्त स्कूलों में पढ़ाई की है। उन्होंनें कहा कि अनुदान प्राप्त शिक्षकों के सभी मांगों को विधिसम्मत पूरा किया जाएगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि अनुदान प्राप्त शिक्षकों कहा कि किसी के साथ भेद-भाव नही होंगा सबकों सबका अधिकार मिलेगा। उन्होेंने शिक्षकों की मांग पर आगामी तीन माह में आवश्यक कार्यवाही करने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने कहा कि शासकीय स्कूलों में आगामी सत्र से पहला परेड योग व नैतिक शिक्षा और अंतिम क्लास खेल का होगा। उन्होंने शिक्षकों से बेहतर शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों को संस्कारवान बनाने का आग्रह किया।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ औषधीय एवं पादप बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एवं समाज सेवी श्री रामप्रताप सिंह, संगठन के अध्यक्ष श्री संजय दुबे सहित बड़ी संख्या में प्रदेश भर के अनुदान प्राप्त अशासकीय स्कूलों के शिक्षक और कर्मचारी उपस्थित थे।