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महापौरो और आयुक्तों के इंदौर शहर के अध्ययन भ्रमण का छत्तीसगढ़ को मिलेगा लाभ: उप मुख्यमंत्री अरुण साव

 महापौरो और आयुक्तों के इंदौर शहर के अध्ययन भ्रमण का छत्तीसगढ़ को मिलेगा लाभ: उप मुख्यमंत्री अरुण साव 

महापौरो और आयुक्तो ने शहरों को स्वच्छ और सुंदर बनाने उप मुख्यमंत्री अरुण साव के साथ किया मंथन

नवा रायपुर स्थित सर्किट हाउस में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन, सभी महापौर और आयुक्त हुए शामिल

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कार्यशाला में छत्तीसगढ़ के शहरों को स्वच्छ और सुंदर बनाने दिया मार्गदर्शन

अन्य नगरीय निकायों के अध्यक्षों और सीएमओ को भी स्वच्छ्तम शहरों के अध्ययन भ्रमण पर भेजा जायेगा

रायपुर

 

प्रदेश के सभी नगर निगमों के महापौरो एवं आयुक्तों की आज नवा रायपुर स्थित सर्किट हॉउस में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई । कार्यशाला में सभी नगर पालिक निगमों के महापौर एवं आयुक्त ने उप मुख्यमंत्री अरुण साव के समक्ष अपने इंदौर अध्ययन भ्रमण के अनुभवों को साझा किया । साथ ही प्रदेश में स्वच्छता अभियान को लेकर भविष्य की योजनाओं तथा विभिन्न नवाचारो पर चर्चा की गयी तथा आगे की रणनीति पर मंथन किया गया ।

उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने कार्यशाला में कहा कि एक महापौर अपने शहर का प्रथम नागरिक और  मुखिया  होता है, महापौर को अपने निगम क्षेत्र में असीमित अधिकार एवं संसाधन प्राप्त है, किसी और जन प्रतिनिधि के पास इतने अधिकार एवं संसाधन नहीं होते है, उन्होंने आगे कहा की जब हम अपने लिए घर बनाते है तब हम विचार करते है की घर भले ही छोटा हो लेकिन साफ स्वच्छ एवं सुविधायुक्त हो, इसी प्रकार हमें अपने शहर की भी कार्य योजना बनाते समय ध्यान रखना होगा कि शहर साफ, स्वच्छ एवं सुविधापूर्ण हो, जिसमे आम नागरिको के लिए आवश्यक सुविधाओ की कमी न रहे |

उप मुख्यमंत्री साव ने कार्यशाला में कहा कि किसी राज्य की छवि उसके शहरों से बनती है, यदि आपका शहर साफ स्वच्छ एवं सुविधापूर्ण होगा तो आपके प्रदेश की छवि भी सुधरेगी | एक मुखिया होने के नाते पूरा शहर आपका घर है और घर को साफ स्वच्छ एवं सुविधा पूर्ण बनाना मुखिया की जिम्मेदारी होती है| साव ने आगे कहा की इंदौर शहर विगत सात वर्षो से भारत सरकार की स्वच्छता रैंकिंग में प्रथम स्थान प्राप्त कर रहा है| इसीलिए महापौरों एवं आयुक्तों को  इंदौर शहर के भ्रमण पर भेजा गया था कि आप खुद जाकर वहां की कार्यप्रणाली का अवलोकन करे और उन अनुभवों  को अपने शहर में क्रियान्वित करें। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अन्य नगरीय निकायों के अध्यक्षों और मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को भी देश के स्वच्छ्तम शहरों के अध्ययन भ्रमण पर भेजा जायेगा|
  
कार्यशाला में रायपुर निगम की महापौर श्रीमती मीनल चौबे ने इंदौर भ्रमण के अनुभव साझा करते हुए बताया कि वहां की सबसे अच्छी बात शहर की नालियों का पूरी तरह से कवर्ड और अंडरग्राउंड होना है जिससे कचरा नालियों में नहीं जाता है और नालियां जाम  नहीं होती है| उन्होंने बताया कि इंदौर शहर की स्वच्छता में जनप्रतिनिधि और जनता का पूरा समन्वय दिखाई देता है| इसके लिए आवश्यक है कि जनप्रतिनिधि भी जनता के बीच जनजागरूकता लाने हेतु प्रयास करे, केवल सरकार के भरोसे यह संभव नहीं है| 

नगर निगम बिलासपुर की महापौर श्रीमती पूजा विधानी ने इंदौर भ्रमण के अनुभव साझा करते हुए बताया कि भ्रमण के दौरान पूरे शहर में उन्हें कहीं  भी सड़क पर मवेशी या कुत्ता दिखाई नहीं दिया,   सड़क किनारे बने नालियों के ऊपर ठेले-खोमचे वाले भी नहीं दिखे, यह केवल निगम, जनप्रतिधि तथा जनता के बीच परस्पर समन्वय से ही संभव हो सकता है| 
कार्यशाला में नगर निगम 

कोरबा की महापौर श्रीमती संजुदेवी राजपूत ने कहा की इंदौर शहर में बैनर एवं होर्डिंग्स पर विशेष प्रावधान लागू किया गया है, बैनर तथा होर्डिंग्स लगाने वालों को चाहे वह राजनीतिक  हो या गैर राजनीतिक उन्हें २४ घंटे के भीतर स्वयं हटाना पड़ता है| इससे भी शहर को साफ-सुथरा रखने में मदद मिलती है| इंदौर की मोनिटरिंग प्रणाली का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ए-आई आधारित मोनिटरिंग प्रणाली के माध्यम से सभी गाडियों की लोकेशन ट्रेस की जाती है जिससे निर्धारित समय पर कचरे का संग्रहण किया जा सकता है| उन्होंने कहा कि कोरबा नगर निगम में भी इंदौर से प्राप्त अनुभवों को लागू करने का प्रयास किया जा रहा है| नगरीय प्रशासन विभाग के संचालक आर.एक्का, सुडा के अतिरिक्त सीईओ दुष्यंत कुमार रायस्त और नगरीय प्रशासन विभाग के अपर संचालक पुलक भट्टाचार्य भी कार्यशाला में मौजूद थे।