नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा में करीब डेढ़ घंटे भाषण दिया। उन्होंने शाम 7 बजे सदन में बोलना शुरू किया, तो विपक्ष ने हंगामा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी को बुलाने की मांग की। इस पर शाह ने कहा कि विपक्ष पूछ रहा है कि प्रधानमंत्री कहा हैं? प्रधानमंत्री जी इस वक्त ऑफिस में हैं, उन्हें ज्यादा सुनने का शौक नहीं है। मेरे से निपट रहा है, उन्हें क्यों बुला रहे हो।
इस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री के दिल्ली में रहते हुए भी वो यहां नहीं आ रहे, ये तो सदन का अपमान है। सदन-सदस्यों का अपमान करना ठीक नहीं है। इसके बाद विपक्ष ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया। शाह ने रात 8:25 बजे तक भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी आतंकियों ने जो नुकसान किया, उसके जवाब में भारत सरकार और सेना ने जो मजबूत जवाब ऑपरेशन सिंदूर से दिया। ऑपरेशन महादेव में तीन आतंकी मारे गए। गृहमंत्री ने कहा कि पीएम का बोला हुआ एक एक शब्द सच साबित हुआ। उन्होंने कहा था कि आतंकवादियों की जो भी जमीन बची है, उसे मिट्टी में मिला दिया जाएगा और वही हुआ।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि सोमवार को हमारे सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन महादेव चलाया, जिसमें पहलगाम हमले में शामिल तीन आतंकवादी मारे गए। गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा, ‘कल आप (कांग्रेस) पूछ रहे थे कि वे (पहलगाम आतंकवादी) आज के दिन क्यों मारे गए? उन्हें कल क्यों नहीं मारा जाना चाहिए था? क्योंकि राहुल गांधी को अपना भाषण देना था? यह इस तरह से काम नहीं करता। पूरा देश देख रहा है कि कांग्रेस की प्राथमिकता राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद को खत्म करना नहीं, बल्कि राजनीति, उनका वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति है।
उन्होंने ऑपरेशन महादेव के समय को लेकर सवाल उठाए जाने पर कहा कि इस तरह का सवाल उठाना ठीक नहीं है। हमारे सुरक्षाबलों ने कितनी कठिन परिस्थितियों में दुर्गम इलाके में इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है, उनके साहस और शौर्य को सलाम करना चाहिए। अमित शाह ने कहा कि कश्मीर आतंकवाद से मुक्त होकर रहेगा इसके लिए सरकार दृढ़संकल्प है। यह नरेंद्र मोदी का संकल्प है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि चिदंबरम ने कहा कि यह नहीं कहा जा सकता कि ऑपरेशन सिंदूर निर्णायक था। हालांकि वो यहां मौजूद नहीं हैं लेकिन मैं उन्हें जवाब देना चाहूंगा। क्या 1965 और 1971 की लड़ाई निर्णायक थी? अगर थी, तो आतंकवाद क्यों फैलता रहा? जब तक दुश्मन डर नहीं जाता या सुधर नहीं जाता, तब तक उसका निर्णायक अंत नहीं होगा। इतने सालों में दुश्मन को डराने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो वो क्यों डरेंगे? मोदी ने जवाब दिया, सर्जिकल स्ट्राइट की, एयर स्ट्राइक की, ऑपरेशन सिंदूर किया। चिदंबरम कहते हैं कि आतंकी पाकिस्तान से आए इसका सबूत नहीं है जबकि हमारी एजेंसियों ने सबूत ढूंढ लिया है। मुंबई हमले के बाद दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह तो आरएसएस ने कराया, यह क्या बोल रहे, किसको बचा रहे, हिंदू टेरर का शिगूफा किसने छोड़ा। मैं दुनिया के सामने गर्व से कहता हूं हिंदू कभी टेररिस्ट नहीं हो सकता।
अमित शाह ने कहा कि हमने जम्मू-कश्मीर में 40 हजार नौकरियां दीं। मोदी सरकार में वहां नगर पंचायत के चुनाव में 98 फीसदी वोटिंग हुई। विधानसभा चुनाव में 58 फीसदी वोटिंग हुई। एक हजार करोड़ से ज्यादा रुपए नगर पंचायत को दिया गया। 2014 से शुरू हुआ मंथन का असर है कि आज घाटी से आतंकवाद खत्म होने की कगार पर है।
गृहमंत्री शाह ने कहा कि 6 महीने में आतंकवादी संगठनों में एक भी कश्मीरी युवा की भर्ती नहीं हुई। जो मारे जा रहे हैं, सभी विदेशी हैं। घाटी की जनता को बहुत शुभकामनाएं देता हूं। हर गांव में पहलगाम हमले का विरोध हुआ। आज जब घर में तिरंगा फहराने की बात आती है तो उन घरों में भी फहराया जाता है, जिनके बच्चे आतंकी घटना में मारे गए।
अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस ने पोटा का विरोध किया। कांग्रेस ने किसे बचाने के लिए इसका विरोध किया। भाजपा-अटल जी का संकल्प था। संयुक्त सेशन में इसे पारित किया गया। आज कानून बना है। पहली कैबिनेट में भी कांग्रेस ने पोटा रद्द किया। और ये आतंकवाद की बात करते हैं। ये टेररिस्ट की मदद करने वाली पार्टी है।
गृहमंत्री शाह ने देश के कई शहरों में हुए बम धमाकों की लिस्ट गिनाते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार में जयपुर, हैदराबाद, दिल्ली में हुए बम धमाकों में सैकड़ों लोग मारे गए। एक भी साल ऐसा नहीं रहा जब आतंकियों ने बम धमाके नहीं किए हों। 2014 तक कांग्रेस ने क्या किया। अब क्यों सवाल खड़े कर रहे हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में 609 लोग बम धमाकों में मारे गए। मोदी के राज में जम्मू-कश्मीर छोड़कर पूरे देश में कहीं भी बम धमाके नहीं हुए। घर में घुसकर परखच्चे उड़ाने का काम हमारी सरकार कर रही है।
गृहमंत्री शाह ने आतंकी संगठनों पर बैन लगाने के फैसले, जांच एजेंसियों की ताकत और बढ़ाने लेने जैसे फैसलों सदन में बताए। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने 2011 के हमले पर कहा था कि सभी आतंकी हमले नहीं रोके जा सकते, नेहरू ने कहा था आतंकी घुसपैठ नहीं रोकी जा सकती।
अमित शाह ने कहा कि मैं जिम्मेदारी से कहता हूं कि घुसपैठ और आतंकवादी घटनाओं को मोदी सरकार रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। कल कहा गया कि चीन के लिए पीएम मोदी ने कुछ नहीं कहा। मैं कहता हूं कि जब चीन की लड़ाई समाप्त हुई, तब 30 हजार वर्ग किमी हिस्सा अक्साई चीन को दिया।
गृहमंत्री शाह ने पूछा कि क्या राहुल बता सकते हैं कि चीन के साथ उनका रिश्ता क्या है। हमारी सेना चीनी सेना की आंख में आंख डालकर खड़े थे। तब राहुल चीन के साथ बैठक कर रहे थे। हिंदी-चीनी भाई-भाई ये इनका दिया हुआ नारा है। युद्ध की स्थिति में राहुल गांधी चीन के राजदूत के साथ कैसे बात कर सकते हैं।
अमित शाह ने कहा कि शिमला समझौते में 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को लौटाया गया। हमारे पकड़े 54 सैनिक आजतक नहीं लौटे। उनके परिवार आज भी उनकी राह देख रहे हैं। जनरल मानेकशॉ ने इंदिरा गांधी को कहा था कि भुट्टो ने हमें मूर्ख बनाया।