मुंबई। मालेगांव बम ब्लास्ट केस में 17 साल का इंतजार आज खत्म हो गया है। एनआईए की विशेष अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। जस्टिस एके लाहोटी ने फैसला सुनाते हुए मालेगांव बम ब्लास्ट केस की मुख्य आरोपी बीजेपी नेता और पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को बरी कर दिया है। साथ ही रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और रिटायर्ड मेजर रमेश उपाध्याय समेत सभी आरोपरियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है।
जस्टिस एके लाहोटी ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाइक किसने खड़ी की थी, वो साबित नहीं हो सका है। बाइक साध्वी के नाम पर रजिस्टर्ड थी उसका भी सरकारी पक्ष कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाए। रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित ने RDX लगाया था। ये भी सरकारी वकील साबित करने में नाकाम रहे हैं। पुरोहित ने बम बनाया था, ये साबित नहीं हो सका है। इस मामले में UAPA लागू नहीं होता है। जज ने आगे कहा कि एनआईए और एटीएस की जांच में बहुत फर्क है।
इससे पहले अदालत ने अभियोजन और बचाव पक्ष की ओर से सुनवाई और अंतिम दलीलें पूरी करने के बाद 19 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस ब्लास्ट में 6 लोगों की मौत हुई थी। वहीं101 लोग घायल हुए थे। मृतकों में फरहीन उर्फ शगुफ्ता शेख लियाकत, शेख मुश्ताक यूसुफ, शेख रफीक मुस्तफा, इरफान जियाउल्लाह खान, सैयद अजहर सैयद निसार और हारून शाह मोहम्मद शाह शामिल थे।
साध्वी प्रज्ञा सिंह ने कहा कि एक षड्यंत्र के तहत भगवा को बदनाम किया गया। आज भगवा की जीत हुई है, हिंदुत्व की जीत हुई है। जो दोषी हैं उन्हें भगवान सजा देंगे।