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कौशल से समृद्धि की ओर – युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर मुख्यमंत्री साय का विशेष जोर

कौशल प्रशिक्षण को रोजगार से जोड़ें, युवाओं को बनाएं आत्मनिर्भर – मुख्यमंत्री श्री साय

रायपुर
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन, नवा रायपुर में कौशल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि युवाओं के कौशल प्रशिक्षण को सीधे रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल प्रशिक्षण देना नहीं, बल्कि युवाओं को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाना है। इसके लिए विभाग द्वारा निरंतर नवाचार और प्रभावी कार्ययोजना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने बैठक में विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए वर्ष 2025–26 के लिए जिलेवार प्रशिक्षण उपलब्धि और आबंटित बजट पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0, और प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने ‘नियद नेल्ला नार’ योजना के तहत आत्मसमर्पित माओवादियों को दिए जा रहे प्रशिक्षण के सम्बन्ध में जानकारी ली। बैठक में बताया गया कि अब तक 549 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जबकि पुनर्वास केंद्रों में 382 प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इसी क्रम में पीएम जनमन योजना के तहत अत्यंत पिछड़ी जनजाति (PVTG) के युवाओं को दिए जा रहे कोर्सवार प्रशिक्षण की भी समीक्षा की गई।

बैठक में विभागीय उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बताया गया कि 1 जुलाई 2025 से मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत चेहरा-आधारित स्कैनिंग प्रणाली द्वारा प्रशिक्षणार्थियों की उपस्थिति दर्ज की जा रही है, जिससे पारदर्शिता और निगरानी में सुधार हुआ है। बैठक में विभाग द्वारा निजी संस्थाओं के साथ किए गए एमओयू की जानकारी भी साझा की गई, जिनमें नांदी फाउंडेशन और महिंद्रा एंड महिंद्रा संस्थानों से किए गए समझौते शामिल हैं। इन संस्थानों के माध्यम से राज्य में गुणवत्ता आधारित प्रशिक्षण संचालित किया जा रहा है।

बैठक में ‘कौशल तिहार 2025’ के आयोजन की रूपरेखा भी प्रस्तुत की गई, जिसका उद्देश्य युवाओं में कौशल के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। यह प्रतियोगिता जिला और राज्य स्तरीय दो चरणों में आयोजित की जाएगी, जिसमें दो आयु वर्ग – 22 वर्ष से कम एवं 22 वर्ष से अधिक – के प्रतिभागी भाग लेंगे। प्रतियोगिता में 10 प्रमुख ट्रेड ऑटोमोबाइल टेक्नोलॉजी, ब्रिकलेइंग, रिन्युएबल एनर्जी हेल्थ एंड सोशल केयर, प्लंबिंग एंड हीटिंग, इलेक्ट्रिकल इंस्टॉलेशंस, इलेक्ट्रॉनिक्स फील्ड टेक्नीशियन, कंप्यूटर, मोबाइल फोन टेक्नीशियन, ग्राफिक डिजाइन टेक्नोलॉजी/डेस्कटॉप पब्लिशिंग तथा रेफ्रिजरेशन एंड एयर कंडीशनिंग शामिल है।जिला स्तर पर प्रत्येक ट्रेड और आयु वर्ग से दो विजेताओं का चयन किया जाएगा, जो राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेंगे। राज्य स्तर के विजेताओं को पुरस्कार, ट्रॉफी और रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे। उन्हें इंडिया स्किल्स 2025 की क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार किया जाएगा, जहाँ से चयनित प्रतिभागी ‘वर्ल्ड स्किल्स 2026’, शंघाई (चीन) में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि कौशल विकास योजनाओं को युवाओं की आजीविका, आत्मनिर्भरता और भविष्य के निर्माण से जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने इस दिशा में सतत प्रयास करने के निर्देश दिए। बैठक में वन एवं कौशल विकास मंत्री श्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, कौशल विकास विभाग के सचिव श्री एस. भारतीदासन तथा छत्तीसगढ़ राज्य कौशल विकास अभिकरण (CSDA) के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विजय दयाराम के सहित अन्य वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।