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कफ सिरप विवाद के बाद कार्रवाई तेज, स्वास्थ्य विभाग ने 6 दवाओं पर लगाया बैन

भोपाल 

मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में कफ सिरप के सेवन के बाद अबतक किडनी फेलियर के चलते 26 मासूमों की जान जा चुकी है। जबकि, नागपुर और छिंदवाड़ा में अब भी कई बच्चे दवा के रिएक्शन से आई समस्याओं के ग्रस्त होकर भर्ती हैं। वहीं, दूसरी तरफ इस मामले में प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड पर है। छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड के बाद हेल्थ डिपार्टमेंट प्रदेशभर में दवाओं की पड़ताल कर रहा है। इसी कड़ी में सूबे के ग्वालियर में विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 6 दवाओं के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। इसे लेकर विभाग ने जारी किया है।

ग्वालियर में 6 दवाओं का उपयोग रोका गया है। मध्य प्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के निर्देश पर संबंधित दवाओं के सेवन और वितरण पर रोक लगाई गई है। सिविल सर्जन को ई-मेल के जरिए निर्देश मिले हैं, जिसमें कहा गया कि 6 दवाओं को आगामी आदेश तक इस्तेमाल प्रतिबंधित है।

जिला अस्पताल में आदेश जारी

वहीं, सिविल सर्जन डॉ आरके शर्मा ने सरकारी अस्पतालों को लिखित आदेश जारी किया है। अस्पताल के सभी वार्डों के प्रभारी, दवा वितरण केंद्र, प्रसूति गृह के प्रभारी को लिखित में आदेश जारी किए गए हैं, जिसमें किसी वार्ड या सेक्शन में दवा होने पर तत्काल सिविल सर्जन स्टोर में जमा करने के निर्देश दिए गए हैं।

इन दवाओं पर लगी रोक

-एंटीबायोटिक इंजेक्शन मेरोपेनम
-सिप्रोफ्लोक्सेसिन 250mg टेबलेट
-पेट साफ करने का सिरप लेक्टूलोज 10ML और 15ML
-पेट में कीड़े पड़ने पर दी जाने वाली दवा एल्बेंडाजोल 400MG
-खाली पेट दी जाने वाली दवा रेबीप्राजोल 20MG टेबलेट
-इलेक्ट्रोलाइट पी पर रोक लगाई गई है।