जब धनतेरस की सकारात्मक ऊर्जा हर घर को रोशन करती है इसी बीच सन नियो के कलाकार भी इस दिन जुड़ी अपनी ख़ास यादों को साझा करते हुए बहुत उत्साहित हैं। शो ‘दिव्य प्रेम: प्यार और रहस्य की कहानी” के सूरज प्रताप सिंह, ‘प्रथाओं की ओढ़े चुनरी: बिंदणी” के आकाश जग्गा, और शो ‘सत्या साची ‘ की आनंदिता साहू, अपने बचपन की प्यारी यादें और इस खास दिन से जुड़ी भावनाएँ साझा करते हुए कई बातें बताई।
‘दिव्य प्रेम: प्यार और रहस्य की कहानी’ शो के कलाकार सूरज प्रताप सिंह बताते हैं बताते हैं,”मुझे आज भी याद है, बचपन में धनतेरस की शाम मैं माँ के साथ बैठा करता था जब वह पूजा करती थीं। वह बड़े प्यार से सिक्कों और गहनों को हल्दी-कुमकुम से सजाती थीं। घर में घी के दीयों की लौ, खुशबू और शांति का माहौल एक जादू जैसा होता था। माँ के लिए धनतेरस समृद्धि की प्रार्थना थी, लेकिन मेरे लिए यह परिवार के साथ बिताए उन पलों का त्योहार था, जहाँ हर मुस्कान में आशीर्वाद झलकता था। इस बार मैं अपने शो ‘दिव्य प्रेम: प्यार और रहस्य की कहानी’ के सेट पर अपनी कास्ट और क्रू के साथ धनतेरस का त्यौहार मनाऊंगा और अपने शो और हम सबकी उपलब्धि के लिए माँ लक्ष्मी से कामना करुंगा ”
‘प्रथाओं की ओढ़े चुनरी: बिंदणी” शो में कुंदन का रोल निभा रहे आकाश जग्गा कहते हैं, “धनतेरस हमारे परिवार के लिए हमेशा दिवाली की शुरुआत होती थी। हम परंपरा से हर साल थोड़ा सोना खरीदते हैं, लेकिन अब समझ आता है कि असली धन सोना या पैसा नहीं, बल्कि अच्छा स्वास्थ्य है क्योंकि ‘हेल्थ इज वेल्थ।’ बचपन में माँ और दादी रसोई में मिठाइयाँ बनाती थीं, और हम चुपके से लड्डू खा लेते थे। ताज़ी मिठाइयों की खुशबू पूरे घर में महक उठती थी। तब त्योहार का मतलब था मस्ती, खाना और परिवार के साथ हँसी से भरे पल। आज भी ‘प्रथाओं की ओढ़े चुनरी: बिंदणी” के सेट पर मुझे एक नया परिवार मिला है, जिसके साथ मैं हर दिन हँसते खेलते और काम करते बिताता हूं। बस माँ लक्ष्मी से यही कामना है कि माँ सभी का घर खुशियों और समृद्धि से भरें।”
सत्या साची में सत्या का किरदार निभा रही आनंदिता साहू भावुक होकर बताती हैं, “एक बार धनतेरस पर पापा घर आए तो उनके हाथ में एक छोटा स्टील का डिब्बा था। मुझे समझ नहीं आया कि यह इतना ख़ास क्यों है, लेकिन जब देखा कि उस पर मेरा नाम लिखा था, मैं बहुत खुश हुई। मैं तब 11 साल की थी और वह शायद मेरी ज़िंदगी की पहली चीज़ थी जो सचमुच मेरी अपनी थी। पापा ने कहा था ‘जब भी तुम्हारे पास पैसे हों, इसमें रखना। एक दिन यह तुम्हारी किसी ख्वाहिश को पूरा करेगा। वह पल आज भी मेरे दिल के बहुत करीब है। हर बार की तरह मैं इस इस बार भी अपनी कमाई से कुछ खास खरीदूंगी। अपने परिवार और ‘सत्या साची’ शो के सेट मौजूद परिवार के साथ मिलकर सबके उपलब्धि की कामना करुँगी।”
इन कलाकारों के बारे में अधिक जानने के लिए देखें ‘दिव्य प्रेम: प्यार और रहस्य की कहानी ‘ रात 8:30 बजे, प्रथाओं की ओढ़े चुनरी: बींदणी, रात 9 बजे और ‘सत्या साची ‘ जल्द ही, सिर्फ सन नियो पर।