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मध्यप्रदेश में 6 नवंबर से ठंडी रातें, पारा 2-3° तक गिरेगा; भोपाल-जबलपुर संभाग में 2 दिन बूंदाबांदी

 भोपाल
 मध्यप्रदेश में एक बार फिर मौसम का मिजाज बदल गया है। पश्चिमी हिस्से में सक्रिय साइक्लोनिक सर्कुलेशन के असर से भोपाल और जबलपुर संभाग में अगले दो दिनों तक कहीं-कहीं बूंदाबांदी होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, दिन में तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के पार बना रहेगा, लेकिन रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट आएगी। 6 नवंबर से ठंडी उत्तरी हवाएं चलने लगेंगी, जिससे रातें ठंडी हो जाएंगी।

मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि उत्तर-पूर्वी हिस्से में बना लो प्रेशर एरिया और चक्रवाती परिसंचरण अभी सक्रिय है। इसका असर भोपाल, गुना, विदिशा, बैतूल और पांढुर्णा जिलों में देखने को मिलेगा, जहां हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। इंदौर, उज्जैन और नर्मदापुरम संभाग में भी बादल छाए रहेंगे।

इन जिलों में बूंदाबांदी के आसार मौसम विभाग ने अगले 2 दिन के अंदर भोपाल, गुना, विदिशा, रायसेन, राजगढ़, सीहोर, शाजापुर, देवास, सागर, नरसिंहपुर, जबलपुर, मंडला, बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, बैतूल और पांढुर्णा में कहीं-कहीं बूंदाबांदी होने का अनुमान जताया है। बाकी जिलों में तेज धूप खिली रहेगी।

दो दिन के बाद मौसम साफ हो जाएगा और दिन में तापमान 30-32 डिग्री के आसपास रहेगा, लेकिन उत्तर से हवा आने की वजह से पारे में 2 से 3 डिग्री की गिरावट होने लगेगी। यह दौर दूसरे सप्ताह तक चलेगा। इसके बाद दिन-रातें ठंडे होने लगेंगे। 15 नवंबर के बाद तेज ठंड का दौर शुरू हो जाएगा।

मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार को भोपाल, दतिया, गुना, ग्वालियर, नर्मदापुरम, इंदौर, खंडवा, खरगोन, रतलाम, श्योपुर, शिवपुरी, उज्जैन, दमोह, जबलपुर, खजुराहो, नौगांव, रीवा, सागर, सतना, टीकमगढ़ में पारा 30 डिग्री या इससे अधिक दर्ज किया गया। इसी तरह रविवार-सोमवार की रात में शिवपुरी में 15 डिग्री, राजगढ़ में 15.4 डिग्री, गुना में 16.6 डिग्री, खरगोन में 16.8 डिग्री, खंडवा में 16 डिग्री, श्योपुर में 17.4 डिग्री, नौगांव में 17.5 डिग्री, रीवा में 17.2 डिग्री रहा।

अक्टूबर में 121% बारिश ज्यादा, नवंबर में तेज ठंड का ट्रेंड प्रदेश में नवंबर महीने में पिछले 10 साल से ठंड के साथ बारिश का ट्रेंड भी है। अबकी बार भी ऐसा ही मौसम रहेगा। वहीं, बारिश के लिहाज से अक्टूबर का महीना उम्मीदों पर खरा उतरा है। औसत 2.8 इंच पानी गिर गया, जो सामान्य 1.3 इंच से 121% ज्यादा है।

वहीं, भोपाल में दिन ठंडे रहे। 30 अक्टूबर को दिन का तापमान 24 डिग्री रहा। मौसम विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, पिछले 25 साल में अक्टूबर का यह सबसे ठंडा दिन रहा। उज्जैन, छतरपुर, नरसिंहपुर समेत कई शहरों में पारा 24 डिग्री के नीचे ही रहा।

इंदौर में 10 साल में दूसरी बार सबसे ज्यादा बारिश अक्टूबर में बारिश के रिकॉर्ड की बात करें तो दो साल बाद प्रदेश में सबसे ज्यादा पानी गिरा। भोपाल में 2.8 इंच, जबलपुर में 3.3 इंच, ग्वालियर में 4.2 इंच और उज्जैन में 2.1 इंच बारिश दर्ज की गई। साल 2022 में इससे ज्यादा बारिश हुई थी। वहीं, इंदौर में 3.4 इंच पानी गिरा। यहां 10 साल में दूसरी बार अक्टूबर में इतनी अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई।

ओवरऑल सबसे ज्यादा बारिश वाले जिले में श्योपुर नंबर-1 पर है। यहां 6.52 इंच, झाबुआ में 5.52 इंच, सिंगरौली में 5.35 इंच, सीधी में 5 इंच, उमरिया में 4.14 इंच, अनूपपुर में 4.82 इंच, बड़वानी में 4.21 इंच और भिंड में 4.36 इंच बारिश हो गई। प्रदेश का खंडवा ही एक मात्र ऐसा जिला रहा, जहां सामान्य से कम पानी गिरा। बाकी 53 जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज की गई।

इस बार मानसून भी बेहतर रहा इस बार प्रदेश में मानसून की भी 'हैप्पी एंडिंग' रही। भोपाल, ग्वालियर समेत 30 जिले ऐसे रहे, जहां 'बहुत ज्यादा' बारिश दर्ज की गई। ओवरऑल सबसे ज्यादा बारिश वाला जिला गुना है। जहां पूरे सीजन 65.7 इंच पानी गिर गया, जबकि श्योपुर में 216.3% बारिश हुई। एक्सपर्ट की माने तो अच्छी बारिश होने से न सिर्फ पेयजल बल्कि सिंचाई के लिए भी भरपूर पानी है। भू-जल स्तर भी बढ़ा रहेगा। हालांकि, शाजापुर ऐसा जिला रहा, जहां सबसे कम 28.9 इंच (81.1%) ही बारिश हुई है।

अब जानिए नवंबर में कैसा रहेगा मौसम मौसम विभाग के अनुसार, नवंबर के दूसरे सप्ताह से ठंड का असर बढ़ेगा। खासकर ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में, जहां उत्तरी हवाएं सीधी आती हैं, वहां पारा लुढ़केगा। ग्वालियर में 56 साल पहले नवंबर में रात का टेम्प्रेचर रिकॉर्ड 3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है।

उज्जैन में 52 साल पहले न्यूनतम पारा रिकॉर्ड 2.3 डिग्री तक जा चुका है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर में इस महीने बारिश का ट्रेंड है। इस बार नवंबर के पहले सप्ताह में ही बारिश होने के आसार है। तीसरे और चौथे सप्ताह में सिस्टम एक्टिव होने से भी बारिश हो सकती है।