रायपुर
छत्तीसगढ़ के रायपुर प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर के तहत मंगलवार 4 नवंबर से घर-घर गणना चरण की शुरुआत होगी। इस प्रक्रिया में बीएलओ घर-घर जाकर मतदाता परिचय पत्र का सत्यापन करेंगे। प्रथम चरण के साथ आगे की प्रक्रियाओं को लेकर सोमवार को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी यशवंत कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि प्रथम चरण की प्रक्रिया जारी है।
जिनका नाम साल 2003 के एसआईआर में है, उन्हें दस्तावेज देने की जरूरत नहीं है। केवल 5-6 प्रतिशत मतदाताओं को ही दस्तावेज देने की जरूरत होगी। उन्होंने बताया कि असुविधा होने पर बीएलओ मतदाता हेल्पलाइन नंबर 1950 पर कॉल रिक्वेस्ट के माध्यम से मदद ले सकते हैं।
मतदाता सूची का मिलान 2003 के आधार पर
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में विगत एसआईआर की मतदाता सूची वर्ष 2003 को आधार मानकर मिलान किया गया है। बीएलओ ने वर्तमान में केवल अपने मतदान केंद्र के मतदाताओं का मिलान किया है, जो कि 71 प्रतिशत के करीब है। अधिकारियों ने बताया कि 2003 के बाद से आज पर्यंत कई मतदाता अन्यत्र शिट हुए हैं। मतदान केन्द्रों का परिसीमन भी हुआ है।
एन्यूमरेशन फेज में बीएलओ द्वारा मतदाताओं के घर-घर सर्वे के दौरान यह मिलान प्रतिशत 10-15 प्रतिशत और बढ़ जाएगा। मतदाता सूची में लगभग 50 प्रतिशत महिलाएं हैं। वर्ष 2003 के एसआईआर के बाद विवाहित महिलाएं अपने तत्कालीन मतदान केंद्र से अन्यत्र स्थानांतरित हुई हैं। बीएलओ द्वारा घर-घर एन्यूमरेशन फेज में 15 से 20 प्रतिशत और महिला मतदाताओं का मिलान किया जा सकेगा।
ऐसे में एसआईआर के दौरान आपको इन 11 दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी…
    केंद्र या राज्य सरकार या पीएसयू के नियमित कर्मचारी या पेंशनभोगी को जारी किया गया कोई भी पहचान पत्र या पेंशन भुगतान आदेश
    1 जुलाई, 1987 से पहले सरकार/स्थानीय प्राधिकरण/बैंक/डाकघर/एलआईसी/पीएसयू द्वारा जारी कोई भी पहचान पत्र, प्रमाण पत्र या दस्तावेज
    जन्म प्रमाण पत्र
    पासपोर्ट
    मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय द्वारा जारी मैट्रिकुलेशन या शैक्षिक प्रमाण पत्र
    स्थायी निवास प्रमाण पत्र
    वन अधिकार प्रमाण पत्र
    ओबीसी/एससी/एसटी या कोई भी जाति प्रमाण पत्र
    राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर
    राज्य या स्थानीय प्राधिकारियों द्वारा तैयार किया गया परिवार रजिस्टर
    सरकार द्वारा जारी कोई भी भूमि या मकान आवंटन प्रमाण पत्र
कहां-कहां हो रहा एसआईआर?
    अंडमान निकोबार द्वीपसमूह
    छत्तीसगढ़
    गोवा
    गुजरात
    केरल
    लक्षद्वीप
    मध्य प्रदेश
    पुड्डचेरी
    राजस्थान
    तमिलनाडु
    उत्तर प्रदेश
    पश्चिम बंगाल
एसआईआर का क्या है शेड्यूल?
    गणना पत्रों की छपाई व बीएलओ को प्रशिक्षण- 28 अक्टूबर 2025 से तीन नवंबर 2025 तक।
    घर-घर जाकर पुनरीक्षण का काम- चार नवंबर 2025 से चार दिसंबर 2025 तक।
    मतदाता सूची के मसौदे का प्रकाशन- 09 दिसंबर 2025
    दावे और आपत्तियों का समय-09 दिसंबर 2025 से 08 जनवरी 2026 तक।
    दस्तावेजों की जांच के लिए नोटिस, सुनवाई, सत्यापन: 09 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक
    अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन- 07 फरवरी 2026
एसआईआर क्यों जरूरी?
आयोग ने इस दौरान बताया कि एसआइआर क्यों जरूरी है। आयोग के मुताबिक बदलते शहरीकरण में लोगों का तेजी से विस्थापन हो रहा है। यह इसकी एक बड़ी वजह है। दूसरा इसके चलते कई जगहों पर लोगों के मतदाता सूची में दो-दो जगह से नाम दर्ज है। तीसरा मतदाता सूची में मतदाताओं के मृत होने के बाद भी नामों का हटाया न जाना है।
चौथी वजह देश के तमाम हिस्सों में गलत तरीके से घुसपैठ करके बड़ी संख्या में लोगों ने मतदाता सूची में गलत तरीके से नाम जुड़वा लिया है। एसआइआर के दौरान इन सभी पहलुओं की गंभीरता से जांच हो सकेगी।
राजनीति दलों से सहयोग की अपील
सीईओ यशवंत कुमार ने राजनीतिक दलों से आग्रह किया है। उन्होंने पुनरीक्षण के दौरान अपने बूथ स्तरीय एजेंटों (बीएलओ) के माध्यम से निर्वाचन आयोग के कर्मचारियों को पूरा सहयोग देने की अपील की है, ताकि छूटे हुए पात्र नागरिकों के नाम सूची में जोड़े जा सकें और मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाए जा सकें।
क्या-क्या कार्य होंगे
घर-घर गणना चरण अवधि- 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक
मसौदा सूची का प्रकाशन – 9 दिसंबर
दावा-आपत्तियों की अवधि – 9 दिसंबर से 8 जनवरी 2026 तक
नोटिस चरण (सुनवाई व सत्यापन)- 9 दिसंबर से 31 जनवरी 2026 तक
अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन – 7 फरवरी 2026


