मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ राज्य की कमान संभालने के साथ साथ अपने पारिवारिक जिम्मेदारियों को भी बखूबी संभाल रहे हैं। उन्होंने आज अपने गृह ग्राम बगिया में मानसून की आहट को देखते हुए पुश्तैनी खेतों में खेती-किसानी की शुरूआत की। उन्होंने स्वयं एक किसान की तरह धान की बोनीे कर परंपरा का निर्वहन किया।
मुख्यमंत्री ने परंपरा के मुताबिक पांच बार बीजों को अपने हाथों में लेकर खेतों में बिखरा दिया, इसके बाद परिवारजनों ने भी उनका अनुसरण किया। खेती-किसानी को लेकर जशपुर, सरगुजा अंचल के किसानों में ऐसी परंपरा है, जिसमें परिवार के लोग मुखिया के साथ धान की बोनी की रस्म निभाते हैं।
मुख्यमंत्री खेती-किसानी का पारंपरिक परिधान पहनकर खेतों में नजर आए। उन्होंने पगड़ी लगाई और पारंपरिक वस्त्र पहना इसके बाद टोकरी में धान बीज रखे और इनकी पूजा की गई। उल्लेखनीय है कि फसल की समृद्धि की कामना के लिए बीज छिड़कने के पूर्व यह रस्म जशपुर-सरगुजा क्षेत्र में की जाती है। छत्तीसगढ़ किसानों का प्रदेश है प्रदेश का हर किसान खेती किसानी की तैयारियों में जुट गया है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री साय ने प्रदेश में बेहतर खरीफ फसल के लिए बीते दिनों कृषि विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक भी की। मुख्यमंत्री किसानों के सरोकार रखते हैं चूकि वे हमेशा खेती-किसानी से जुड़े रहे हैं, इसलिए उन्होंने समय पूर्व ही अधिकारियों को खाद बीज की पर्याप्त व्यवस्था के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को किसानों की जरूरतों के अनुरूप कृषि अदानों की व्यवस्था करने और टेक्नोलॉजी का अधिक प्रयोग करते हुए उत्पादकता बढ़ाने पर जोर दिया था।