अयोध्या धाम में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से उनके ननिहाल में भी उत्सव का माहौल है। मकर संक्रांति से जो उत्सव शुरू हुआ है वो प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक दिन तक रहा। यह बात मुख्यमंत्री ने आज श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर राजधानी रायपुर के आकाशवाणी चौक में आयोजित महाभोग एवं प्रसादी कार्यक्रम में कही। इस दौरान मुख्यमंत्री ने यहां स्थित माँ महाकाली मंदिर में विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। मुख्यमंत्री ने माँ काली की आरती कर उन्हें लड्डुओं का भोग अर्पण किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री साय को लड्डुओं से तौला गया। मुख्यमंत्री ने नेशनल एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड स्कूल के दृष्टिबाधित बच्चों को महाभोग का वितरण किया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अपने संबोधन में कहा कि हम सभी के लिए कल का दिन ऐतिहासिक था। अयोध्या धाम में छत्तीसगढ़ के भांजे प्रभु श्री रामलला टेंट से निकलकर भव्य मंदिर में विराजमान हुए। उन्होंने कहा कि रामायण में माता शबरी का भी जिक्र आता है और उनका आश्रम शिवरीनारायण में है। माता शबरी वनवासी थीं और उन्होंने वर्षों प्रभु का इंतजार किया। उनकी तपस्या का परिणाम था कि भगवान स्वयं उनके पास आए थे और शिवरीनारायण की पावन धरा पर ही माता शबरी ने उन्हें बेर खिलाए। श्री साय ने कहा कि इसी तरह भक्तों की लंबी प्रतीक्षा के बाद उनके आराध्य की प्राण प्रतिष्ठा का शुभ अवसर आया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नवयुवक मंडल के तत्वावधान में रामभक्त चिट्ठियों के माध्यम से प्रभु के लिए अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे हैं। इन चिट्ठियों को एकत्रित कर अयोध्या धाम ले जाया जाएगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रभु श्री रामलला दर्शन योजना की जानकारी देते हुए कहा कि ननिहाल वासियों को सरकारी खर्चे पर प्रभु की जन्मभूमि अयोध्याधाम का दर्शन कराया जाएगा।