मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बस्तर फाइटर्स एवं दंतेश्वरी फाइटर्स की महिलाओं और स्कूली बच्चों से संवाद कर रहे थे। वह बस्तर फाइटर्स से संवाद कर रहे थे, इसी बीच सुश्री बघेल जो महिला आरक्षक के रूप में दंतेश्वरी फाइटर्स में सेवा दे रही हैं, उन्होंने अपने जीवन का अनुभव साझा करते हुए सुश्री बघेल ने मुख्यमंत्री से बताया कि मेरा गांव में पहले नक्सली आतंकवाद की चपेट में था। नक्सलवादी आये दिन हमारे गांव के लोगों को बंदूक की नोक पर प्रताड़ित करते, उन पर नक्सलवाद को अपनाने के लिए दबाव डालते। नक्सलियों को रोकने के लिए शासन ने सुरक्षा कैम्प की स्थापना की। इस कैम्प ने ग्रामीणों का जीवन पूरी तरह बदल दिया। वे भयमुक्त होकर जीवन यापन करने लगे क्योंकि अब वहां नक्सली नहीं पुलिस थी। नवयुवकों ने पुलिस और नक्सलियों की कार्यप्रणाली के फर्क को समझा। उन्हें अपनी लोक तांत्रिक ताकत का भी एहसास हुआ। इस तरह वे पुलिस से प्रेरित होकर बस्तर फाइटर्स का हिस्सा बन गए।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सुश्री बघेल की हिम्मत की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे यह जानकर बड़ा अच्छा लगा कि एक सुरक्षा कैम्प ने ग्रामीणों के जीवन में बड़ा बदलाव ला दिया। ये कैम्प सुरक्षा कैम्प होने के साथ-साथ विकास के कैम्प भी हैं। इन कैम्पों के माध्यम से राज्य शासन ने नियद नेल्लानार योजना की शुरूआत की है। इस योजना में कैम्पों की पांच किलोमीटर की परिधि में आने वाले सभी गांवों का समग्र विकास किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मुझे यह खुशी है कि आप को अपने क्षेत्र में तानाशाही के मुकाबले लोकतंत्र की ताकत पर विश्वास हुआ। मुझे महिलाएं स्वाभाविक रूप से लोकतंत्र का प्रतीक लगती हैं, क्योंकि इनके अंदर ’स्व’ की बजाय ’सब’ को साथ लेकर चलने की आदत होती है। मैं आशा करता हूं कि आप जैसी महिलाएं लोकतंत्र को सदैव मजबूत बनाती रहेंगी। बस्तर की फाइटर लड़कियां महिलाओं के हौसले और लोकतंत्र को बचाये रखने की जज्बे का प्रतीक है।