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गिरावट ले गई 9 लाख करोड़ रुपये, रिकॉर्ड ऊंचाई से तेजी से नीचे आ रहा बाजार, क्यों पकड़ी मार्केट ने उल्टी चाल?

शेयर बाजार में तेज गिरावट के कारण चार दिनों में निवेशकों की संपत्ति 9.30 लाख करोड़ रुपये कम हो गई. नीतिगत दर में हाल-फिलहाल कटौती की उम्मीद कम होने, विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी और पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष को लेकर चिंताओं के बीच शेयर बाजार में गिरावट आई. बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स गुरुवार को 454.69 अंक गिरकर 72,488.99 अंक पर बंद हुआ. चार दिन में सेंसेक्स 2,549.16 अंक या 3.39 प्रतिशत टूट चुका है.

बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण इन चार दिनों में 9,30,304.76 करोड़ रुपये घटकर 3,92,89,048.31 करोड़ रुपये (4.70 लाख करोड़ डॉलर) रह गया है. बीएसई मानक सूचकांक के 10 अप्रैल को 75,000 के ऐतिहासिक आंकड़े के पार बंद होने के बाद 12 अप्रैल से बाजार में गिरावट जारी है.

घटत-बढ़त
सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से नेस्ले में सर्वाधिक तीन प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई. कम विकसित देशों में अधिक चीनी की मौजूदगी वाले शिशु दूध उत्पादों की बिक्री करने की खबरें आने से नेस्ले के शेयर टूट गए. इसके अलावा टाइटन, एक्सिस बैंक, एनटीपीसी, टाटा मोटर्स, आईटीसी, टेक महिंद्रा, बजाज फिनसर्व, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और बजाज फाइनेंस के शेयर भी गिरकर बंद हुए. दूसरी तरफ भारती एयरटेल, पावर ग्रिड, इन्फोसिस और लार्सन एंड टुब्रो के शेयर बढ़त लेकर बंद हुए.

क्यों चल रहा बाजार उलटी चाल
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “पश्चिम एशिया में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिकी ब्याज दर में कटौती की उम्मीद कम होने से प्रभावित कारोबारी धारणा ने घरेलू सूचकांकों को दबाव में ला दिया. निवेशक आगे की दिशा के लिए चौथी तिमाही के नतीजों पर करीबी निगाह रखेंगे.” मझोली कंपनियों का सूचकांक बीएसई मिडकैप 0.39 प्रतिशत नीचे आया जबकि छोटी कंपनियों का सूचकांक स्मॉलकैप मामूली 0.06 प्रतिशत चढ़ा. एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग सकारात्मक रुख के साथ बंद हुए.