गुरुवार 30 नवंबर 2024 को मौजूदा वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही जुलाई से सितंबर के लिए जीडीपी का डेटा घोषित होगा. और पहली तिमाही के समान दूसरी तिमाही में भी आर्थिक विकास दर का आंकड़ा शानदार रहने की उम्मीद है. आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने भी उम्मीद जताई है कि दूसरी तिमाही में जीडीपी के आंकड़े बेहतर रहेंगे.
सांख्यिकी मंत्रालय दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी के आंकड़े जारी करेगा. अप्रैल से जून के बीच पहली तिमाही में आर्थिक विकास दर 7.8 फीसदी रही थी. दूसरे तिमाही में भी अर्थव्यवस्था में तेज विकास देखने को मिली है. आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा कि दूसरी तिमाही के आंकड़े बेहतर रहेंगे. उन्होंने कहा कि खाद्य सब्सिडी पर खर्च में बढ़ोतरी के बावजूद वित्तीय घाटा 5.9 फीसदी रहने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि 5 साल के लिए खाद्य सब्सिडी बढ़ाने के बावजूद वित्तीय घाटे के लक्ष्य को हासिल करने में दिक्कत नहीं आएगी. सरकार ने 2025-26 तक वित्तीय घाटे को 4.5 फीसदी के नीचे लाने का लक्ष्य तय किया है.
इससे पहले 6 अक्टूबर 2023 को मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि शहरी इलाकों में मांग में बढ़ोतरी के चलते खपत में बढ़ोतरी आई है तो ग्रामीण इलाकों में भी मांग में सुधार देखने को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि सर्विसेज में तेजी, कंज्यूमर और बिजनेस सेंटीमेंट बेहतर है तो सरकार के पूंजीगत खर्चों में बढ़ोतरी से अर्थव्यवस्था को फायदा मिल रहा है. बैंकों और कॉरपोरेट्स के बैलेंसशीट में सुधार है, सप्लाई चेन बेहतर हुआ है. पर आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वैश्विक तनाव और आर्थिक चुनौतियों सबसे बड़ा जोखिम बना है.
आरबीआई ने 2023-24 के लिए 6.5 फीसदी जीडीपी का लक्ष्य रखा है. जबकि सेंट्रल बैंक का मानना है कि दूसरी तिमाही में 6.5 फीसदी जीडीपी रहने की उम्मीद है. जबकि तीसरी तिमाही में 6 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.7 फीसदी जीडीपी रहने का अनुमान है.