राजधानी जयपुर में ई-व्हीकल्स की तादाद तेजी से बढ़ने लगी है. आम आदमी डीजल- पेट्रोल की आसमान छूती कीमतों से छुटकारा पाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ रुख कर रहे हैं. वर्तमान में पूरे प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों की सबसे ज्यादा संख्या जयपुर में है. ई- वाहनों की खरीद पर सरकार की तरफ से भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है. इसकी वजह से न केवल निजी क्षेत्र में बल्कि व्यावसायिक गतिविधियों के लिए भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का क्रेज लगातार बढ़ता जा रहा है.
दुनियाभर में ग्रीन हाउस गैस के बढ़ते प्रभाव के कारण पर्यावरण लगातार बिगड़ता जा रहा है. पर्यावरण के इस बिगड़ते स्वरूप के पीछे बड़ी वजह डीजल- पेट्रोल से निकलने वाला धुंआ भी है. जहरीले धुंए से निजात पाने के लिए ऑटोमोबाइल्स कंपनियों द्वारा डीजल- पेट्रोल के विकल्प के तौर पर इलेक्ट्रिक वाहनों को लॉन्च किया जा रहा है. ई- व्हीकल्स न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए उपयोगी हैं बल्कि डीजल- पेट्रोल के मुकाबले किफायती साबित भी हो रहे हैं.
इस साल 19 हजार से ज्यादा EV वाहन खरीदे गए
अगर इलेक्ट्रिक वाहनों के आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2022- 23 में अकेले जयपुर शहर में 19 हजार 608 ई- वाहन खरीदे गए हैं. अप्रैल से 2023 से लेकर दिसंबर 2023 तक 10 हजार 702 इलेक्ट्रिक वाहन खरीदे जा चुके हैं. परिवहन विभाग के मुताबिक 2024 में EV वाहनों का आंकड़ा साल 2023 के मुकाबले 4 गुना बढ़ सकता है. इसके अलावा राज्य सरकारें इलेक्ट्रिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर वाहन मालिक को एक निश्चित छूट देती है जिसकी वजह से वाहन मालिक को अतिरिक्त फायदा मिलता है.
पेट्रोल पंप की तरह चार्जिंग स्टेशन बनाने की जरूरत
जयपुर के सड़क परिवहन अधिकारी वीरेन्द्र झालाना के मुताबिक राजधानी जयपुर में अब जगह- जगह इलेक्ट्रिक वाहनों के शो-रूम नजर आने लगे हैं. जानी- मानी कंपनियां अब अपने वाहनों के नए- नए मॉडल EV के तौर पर लांच कर रहीं हैं. ई- वाहनों की बढ़ती तादाद को देखते हुए पेट्रोल पंप की तर जगह- जगह चार्जिंग स्टेशन बनाए जाने की जरूरत है ताकि वाहन चालकों को हाई- वे पर बैटरी खत्म होने पर किसी तरह की परेशानी न हो.