विधानसभा चुनाव जीतने के बाद संसद से इस्तीफा देने वाले 12 सांसदों ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इन 12 सांसदों में मध्य प्रदेश से नरेंद्र तोमर, प्रह्लाद पटेल, रीति पाठक, राकेश सिंह और उदय प्रताप सिंह और राजस्थान से राज्यवर्धन राठौड़, किरोड़ी लाल मीना और दीया कुमारी शामिल थे. इधर, तीन प्रमुख राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए मुख्यमंत्री पद के लिए नेताओं को चुनने के लिए पीएम मोदी के आधिकारिक आवास पर भाजपा के शीर्ष नेताओं की बैठक हुई. सूत्र बताते हैं कि अंतिम फैसला लेने के लिए यह बैठक हो सकती है.
इस सप्ताह की शुरुआत में, भाजपा ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ को कांग्रेस से छीन लिया था और सत्ता विरोधी लहर के बीच मध्य प्रदेश पर अपना कब्जा बरकरार रखा. भाजपा ने इन तीनों राज्यों में सीएम फेस की घोषणा नहीं की थी. पार्टी पीएम मोदी के बैनर तले चुनाव लड़ रही थी- यह एक ऐसा कदम जिसने शानदार परिणाम दिए हैं. सीएम पद को लेकर तमाम अटकलों के बीच पार्टी में रविवार से ही मंथन जारी है. सूत्रों का कहना है कि पार्टी नए चेहरों को सीएम बना सकती है.
सूत्रों ने बताया है कि इन तीनों राज्यों में कुल मिलाकर 65 लोकसभा सीटें हैं और भाजपा इन राज्यों में बड़ी जीत की उम्मीद लगाए बैठी है. वह कोई गलती नहीं करना चाहती. ऐसी चर्चा है कि छत्तीसगढ़ के लिए एक आदिवासी, मध्य प्रदेश के लिए एक पिछड़ा वर्ग का प्रतिनिधि और राजस्थान के लिए एक राजपूत को चुना जा सकता है. इस बीच राजस्थान में वसुंधरा राजे, छत्तीसगढ़ में रमन सिंह और मध्य प्रदेश के चार बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दौड़ में रहते हुए फैसला केंद्रीय नेतृत्व पर छोड़ दिया है.
इनमें राजस्थान में दावेदारों की सूची सबसे लंबी है. सुश्री राजे के अलावा, अग्रणी दौड़ में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अनुभवी किरोड़ी लाल मीणा और राज्य भाजपा प्रमुख सीपी जोशी शामिल हैं. इससे पहले आज, “लाडली बहना” जैसी कल्याणकारी योजनाओं पर सवार होकर मध्य प्रदेश में पार्टी को ऐतिहासिक जीत दिलाने वाले शिवराज सिंह चौहान ने एक टिप्पणी की, जिसे कई लोगों ने एक सूक्ष्म अनुस्मारक के रूप में देखा.