जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 (Article 370) को हटाने के केंद्र सरकार के फैसले पर आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का फैसला आने से पहले पाकिस्तानी मीडिया में भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला जा रहा था. कई पाकिस्तानी मीडिया संस्थानों में इस तरह की बेसिर-पैर की खबरें चलाई जा रहीं थी कि हिंदुस्तान की मोदी सरकार ने कश्मीर में सोशल मीडिया पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही भारत सरकार के खिलाफ सामग्री साझा करने वाले व्यक्तियों को धारा 144 के तहत आतंकवादी माना जाता है. मोदी सरकार के इस एक और दुस्साहसिक कदम से कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार को खतरा है.
पाकिस्तानी मीडिया में दावा किया गया कि कश्मीरियों को अब अपनी ही जमीन पर उत्पीड़ित करने की कोशिश तेज होने लगी है. जिसके लिए उत्पीड़न के खिलाफ सोशल मीडिया पर आवाज उठाने को अब अपराध करार दिया गया है. पाकिस्तानी मीडिया में कहा गया कि भारत सरकार ने कश्मीर के विभिन्न जिलों में धारा 144 (Section 144) लागू कर दी है. जिससे स्थानीय आबादी के सोशल मीडिया पर विरोध जताने के अधिकार सीमित हो गए हैं. इस कार्रवाई को कुछ पाकिस्तानी मीडिया हाउसों ने कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के आंदोलन को दबाने की कोशिश के रूप में पेश करने की कोशिश की है.
पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया कि भारतीय अधिकारी विरोध की आवाज उठाने को आतंकवादी काम करार देने और अपराधियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की हद तक पहुंच गए हैं. इस कदम ने मानवाधिकार के समर्थकों के बीच चिंताएं बढ़ा दी हैं. उनका मानना है कि ये उपाय अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करते हैं. पाकिस्तानी मीडिया का दावा है कि यह मोदी सरकार की कश्मीर में अपने कथित उत्पीड़न और मानवाधिकारों के उल्लंघन को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से छिपाने की एक व्यापक रणनीति का हिस्सा है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के अनुच्छेद 370 पर अपना फैसला सुनाने के मद्देनजर अधिकारियों ने जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील हिस्सों खासकर श्रीनगर और आसपास के इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नेताओं ने दावा किया कि महबूबा को घर में नजरबंद कर दिया गया है. जबकि पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सहित प्रमुख नेताओं के ‘गुपकर रोड’ स्थित आवास पर भी पाबंदियां लगाई गई हैं. महबूबा की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि उन्हें श्रीनगर के बाहरी इलाके में उनके खिंबर आवास पर नजरबंद कर दिया गया है और पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.