पासपोर्ट के लिए आवेदन कर चुके उन लोगों के लिए यह खबर काम की है, जिनकी फाइल किन्हीं कारणों से एक वर्ष या इससे अधिक समय से लंबित हैं. इस तरह की तमाम फाइल स्वत: ही बंद हो रही हैं. क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय गाजियाबाद ने इस संबंध में जानकारी दी है. यहां पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 13 जिलों के पासपोर्ट बनते हैं.
क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी गाजियाबाद आईएफएस अनुज स्वरूप के अनुसार 2023 से पहले की फाइलों के आवेदकों को नोटिस भेजा गया था, लेकिन तमाम आवेदकों ने कार्यालय में संपर्क नहीं किया है, इस वजह से इन फाइलों को बंद कर दिया गया है. ऐसे आवेदकों को नए सिरे से फीस जमाकर दोबारा से आवेदन करना होगा. पासपोर्ट कार्यालय में पेंडेंसी खत्म करने के लिए अभियान चल रहा है. जिससे कोई भी पासपोर्ट होल्ड न रहे.
आवेदन में ये हैं कमियां
दस्तावेज संलग्न नहीं किए, जिससे जन्म तिथि स्पष्ट नहीं हो रही है. पुलिस सत्यापन के दौरान खुद मौजूद नहीं रहे. पुलिस रिपोर्ट विपरीत आयी है. फार्म में भरे नाम-पते और पहचान पत्र में दर्ज नाम-पते अलग-अलग मिले. आवेदन फार्म में केस की जानकारी ही नहीं दी. आवेदन के बाद बगैर पासपोर्ट कार्यालय को जानकारी दिए पता बदल लिया. इस तरह की तमाम कमियों की वजह से आवेदन होल्ड हैं.
इन जिलों के आवेदक ध्यान दें
गाजियाबाद क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के तहत आगरा, बागपत, बुलंदशहर, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, हापुड़, हाथरस, मथुरा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर व शामली जिले आते हैं, जहां के पासपोर्ट बनते हैं.