ऐपल कंपनी द्वारा फोन हैकिंग अलर्ट के दावे के बीच केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “सरकार इस मुद्दे को लेकर चिंतित है और वह इसकी तह तक जाएगी. देश में कुछ बाध्यकारी आलोचक हैं. ये लोग देश का विकास नहीं देख सकते. क्योंकि जब उनका परिवार सत्ता में था तो वे केवल अपने बारे में सोचते थे. ऐपल द्वारा 150 देशों में अलग-अलग लोगों को फोन हैकिंग का अलर्ट मिला है.”
वहीं कंपनी ने इस पूरे विवाद पर अपना बयान जारी कर दिया है. ऐपल ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि ‘वह खतरे की सूचनाओं के लिए किसी देश की सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराती है.’ कंपनी ने अपने बयान में कहा, ‘सरकार प्रायोजित हैकर बहुत अच्छी तरह से वित्त पोषित और परिष्कृत होते हैं, और उनके हमले समय के साथ विकसित होते रहे हैं. ऐसे हमलों का पता लगाना खतरे के खुफिया संकेतों पर निर्भर करता है जो अक्सर अपूर्ण होते हैं.’
इसके अलावा कंपनी ने कहा, ‘यह संभव है कि खतरे की कुछ सूचनाएं फॉल्स अलार्म हो सकती हैं, या कुछ हमलों का पता नहीं चल पाता है. हम इस बारे में जानकारी देने में असमर्थ हैं कि किस कारण से हमें खतरे की सूचनाएं जारी करनी पड़ रही हैं, क्योंकि इससे सरकार प्रायोजित हमलावरों को भविष्य में पहचान से बचने के लिए अपने व्यवहार को अनुकूलित करने में मदद मिल सकती है.’