भारतीय अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक बार फिर पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है. ISRO ने पूरी दुनिया को यह साबित कर दिया कि वह सिर्फ अंतरिक्ष में यान भेज ही नहीं सकता है बल्कि उसे वापस भी बुला सकता है. दरअसल ISRO ने चंद्रयान-3 के प्रणोदन मॉड्यूल (PM) जिसे प्रोपल्शन मॉडल भी कहा जाता है को एक अनोखे प्रयोग के तहत चंद्रमा के आसपास की एक कक्षा से पृथ्वी के आसपास की एक कक्षा में स्थापित किया है.
चंद्रयान-3 मिशन का प्रमुख उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र के समीप सॉफ्ट लैंडिंग करना और लैंडर ‘विक्रम’ तथा रोवर ‘प्रज्ञान’ पर उपलब्ध उपकरणों का इस्तेमाल कर नए-नए प्रयोग करना था. इस अंतरिक्ष यान का एलवीएम3-एम4 रॉकेट के जरिए सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 14 जुलाई 2023 को प्रक्षेपण किया गया था.