टाटा समूह की विमानन कंपनी विस्तारा पिछले कुछ समय से संकटों से घिरी है. अब इस संकट को दूर करने के लिए कंपनी ने इस पूरे महीने अपनी उड़ानों की संख्या को घटाने का फैसला लिया है. पायलट संकट के बीच परिचालन को स्थिर करने का प्रयास करते हुए अपनी क्षमता में 10 प्रतिशत या लगभग 25-30 उड़ानें प्रतिदिन कम कर रही है. एयरलाइन को उम्मीद है कि अप्रैल में परिचालन स्थिर रहेगा. कंपनी के इस कदम से विस्तारा का संकट भले ही कुछ कम हो जाए, लेकिन इससे यात्रियों की मुश्किलें बढने की आशंका है. विस्तारा की फ्लाइट्स कम होने से हवाई सफर महंगा होने का खतरा पैदा हो गया है.
पायलटों के इस्तीफे और मास लीव से उत्पन्न संकट के चलते पिछले सप्ताह विस्तारा को सैंकड़ों उड़ानें रद्द करने पर मजबूर होना पड़ा था. पिछले सप्ताह के दौरान शुरुआती 3 दिनों में ही विस्तारा की 150 से ज्यादा उड़ानें रद्द हो गई थीं. विस्तारा ने पायलट और क्रू मेंबर्स के सैलरी स्ट्रक्चर को चेंज किया है. पायलटों का एक धड़ा इसका विरोध कर रहा है. इसी के विरोध में पायलटों के एक ग्रुप ने पिछले कुछ दिन से बीमार होने की सूचना देकर छुट्टी ली है. इसी वजह से मजबूरन कंपनी को कई फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ी.
बढ सकता है किराया
जानकारों को आशंका है कि विस्तारा की 10 फीसदी उड़ानें पूरे अप्रैल के लिए रद्द होने का असर हवाई किराए पर होगा. जिन-जिन रूट की उड़ानें रद्द होंगी, उन रूट्स पर उड़ानें महंगी हो सकती हैं. इसका असर उन रूट्स पर ज्यादा होगा, जहां विस्तारा की फ्लाइट्स का ज्यादा संचालन होता है. कंपनी दिल्ली-मुंबई के रूट पर प्रतिदिन 18 फ्लाइट ऑपरेट करती है. इस रूट पर अगर लगातार कुछ फ्लाइट्स कैंसिल होती है तो किराया बढ सकता है.
हर दिन होना था 300 उड़ानों का परिचालन
टाटा ग्रुप की विस्तारा एयरलाइंस, जो कस्टमर्स को बेहतर सर्विस एक्सपीरियंस के लिए जानी जाती है. विस्तारा को नए वित्त वर्ष में प्रतिदिन 300 से अधिक उड़ानें संचालित करनी थीं. लेकिन, पायलट संकट से जूझ रही कंपनी अपने इस लक्ष्य को अप्रैल में तो हासिल नहीं कर पाएगी. कंपनी का कहना है कि ज्यादातर घरेलू फ्लाइट्स को ही कैंसिल किया जाएगा और इसकी सूचना भी काफी पहले दे दी जाएगी. इससे ग्राहकों को कम असुविधा होगी.