वित्त वर्ष 2023-24 अपने आखिरी चरण हैं और अप्रैल से नए फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत हो जाएगी. नए वित्त वर्ष के शुरू होने से पहले कई वित्तीय कार्यों की डेडलाइन खत्म होने वाली है, जिसे पूरा करना आवश्यक है. ऐसा नहीं करने पर इसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा. इसमें कई कार्य टैक्स प्लानिंग और इनकम टैक्स से जुड़े हैं. जानते हैं इस बारे में-
1. टैक्स सेविंग के लिए करें निवेश
अगर आप पुरानी टैक्स रिजीम को अपना रहे हैं तो टैक्स बचाने के लिए निवेश करना आवश्यक है. अगर आप वित्त वर्ष 2023-24 में टैक्स सेविंग का लाभ लेना चाहते हैं तो अलग-अलग स्कीम्स में 31 मार्च 2024 से पहले निवेश कर लें. पीपीएफ, SSY, टैक्स सेविंग एफडी स्कीम्स जैसी कई स्कीम्स में निवेश करके आप टैक्स सेविंग का लाभ उठा सकते हैं.
2. टीडीएस फाइलिंग का काम पूरा करें
टैक्सपेयर्स को 31 मार्च से पहले टीडीएस सर्टिफिकेट (TDS Certificate) जारी करना होगा. इस सर्टिफिकेट में अलग-टैक्स डिडक्शन की जानकारी दर्ज करनी पड़ती है. इसके साथ ही टैक्सपेयर्स को फाइलिंग चालान स्टेटमेंट की जानकारी भी दर्ज करनी पड़ती है.
3. अपेडेट आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख है करीब
असेसमेंट ईयर 2021-22 के लिए अपडेट इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने 31 मार्च आखिरी तारीख है. अगर वित्त वर्ष 2020-21 में किसी तरह की गलती हो गई है तो आप अपडेट रिटर्न दाखिल करके उसे सुधार सकते हैं.
4. मिनिमम बैलेंस मेंटेन करें
अगर आप पीपीएफ या सुकन्या समृद्धि योजना जैसी स्कीम में निवेश करते हैं और इस वित्त वर्ष में आपने एक रुपये भी निवेश नहीं किया है तो इस काम को जल्द से जल्द पूरा कर लें. अगर आप 31 मार्च तक मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करते हैं तो ऐसी स्थिति में आपके खाते को फ्रीज कर दिया जाएगा.
5. फास्टैग केवाईसी करें पूरी
अगर आपने अभी तक फास्टैग केवाईसी को पूरा नहीं किया है तो इस काम को जल्द से जल्द पूरा कर लें. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने फास्टैग केवाईसी पूरी करने की डेडलाइन 31 मार्च 2024 को तय की है. ऐसा न करने पर 1 अप्रैल से आप अपने फास्टैग को रिचार्ज नहीं कर पाएंगे.